
मिशन ने अमेरिका की इस कार्यवाही को हताशापूर्ण बताते हुए बोला कि, यह सब अमेरिका इसलिए कर रहा है, क्योंकि वो उत्तर कोरिया से भय गया है। उल्लेखनीय है कि, बॉर्मबियर अमेरिका में रहने वाला एक विद्यार्थी था जो उत्तर कोरिया की कारागार में बंद था, जब उसे उत्तर कोरिया से आजाद किया गया, तो अमेरिका पहुँचने के कुछ दिन बाद ही उसकी मौत हो गई थी।
उधर अमेरिका की ओर से उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने बोला है कि, अमेरिका बिना किसी शर्त के परमाणु सम्पन्न राष्ट्र उत्तर कोरिया से बात करने को तैयार है। लेकिन जब तक उत्तर कोरिया के परमाणु परिक्षण पूरी तरह बंद नहीं हो जाते, तब तक अमेरिका उस पर प्रतिबन्ध लगाना जारी रखेगा।