भोपाल: कांग्रेस ने मध्यप्रदेश की भाजपा गवर्नमेंट पर रेत खनन के ठेकेदारों को नियमों में गैरकानूनीतरीके से छूट देकर लगभग 1200 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाते हुए इसकी CBI जांच वCM शिवराज सिंह चौहान एवं खनन मंत्री के इस्तीफे की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस पार्टी की मुख्य प्रवक्ता शोभा ओझा ने आज यहां पत्रकार बातचीत में कहा, ‘‘बीजेपी गवर्नमेंट में भाजपा नेताओं के संरक्षण में पूरे प्रदेश में खनन माफियाओं ने दबंगई से रेत का गैरकानूनी उत्खनन किया है। रेत के इस गैरकानूनी उत्खनन से राज्य के राजस्व को हानि पहुंची है साथ ही सुनियोजित तरीके से नियमों में ‘लूप होल’ कर गवर्नमेंट ने रेत माफियाओं व ठेकेदारों को लाभ पहुंचाया है। ’’
उन्होंने बताया कि खनिज विभाग ने साल 2016 में ई-नीलामी के जरिये खदानें साल 2020 तक आवंटित की तथा सालाना मूल्य का 25 फीसदी सुरक्षा राशि के तौर पर जमा कराया गया। इनमें शर्तो के अनुसार सालाना आफर मूल्य को 12 किश्तों में बांटकर उसके 12 पोस्ट डेटेड चेक (पीडीसी) ठेकेदारों से जमा करा कर उनसे मासिक काम योजना लेनी थी। लेकिन इसमें किश्तों को बराबर-बराबर बांटने की बजाय, गवर्नमेंट ने ठेकेदारों को अपनी सुविधानुसार किश्तें निर्धारित करने की सुविधा दी।
ओझा ने आरोप लगाया, ‘‘इसका लाभ उठाते हुए ठेकेदारों ने रॉयल्टी कम देकर ज्यादा से ज्यादा गैरकानूनी उत्खनन किया, जिसके परिणामस्वरूप हर माह ठेकेदारों ने कम से कम मासिक किश्तें चुकाते हुए अधिक से अधिक रेत का विक्रय किया व मई 2017 तक यह सिलिसला निर्बाध गति से जारी रहा लेकिन ठेका अवधि के एक वर्ष पूरा होने से पहले ही खनिज विभाग ने ठेकेदारों का खदान से उत्खनन काम निलंबित करने का आदेश जारी किया।
उन्होंने मांग की कि, ‘‘इस घोटाले की जांच CBI से कराई जानी चाहिये तथा प्रदेश के CM शिवराज सिंह चौहान व खनिज मंत्री को तत्काल त्याग पत्र देना चाहिये। ’’ वहीं दूसरी ओर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कांग्रेस पार्टी के आरोप को राजनीतिक नौटंकी बताया व कहा, ‘‘यदि यह घोटाला इस वर्ष पहले हुआ था तो कांग्रेस पार्टी को जांच एजेंसी व न्यायालय में शिकायत कर जांच करानी चाहिये थी। अब तक वह चुप क्यों बैठे रहे। कांग्रेस पार्टी केवल हताशा में यह आरोप लगा रही है। ’’ उन्होंने बोला कि कांग्रेस पार्टी अब लोगों को भ्रमित करने की प्रयास कर रही है। जबकि प्रदेश का मतदाता पहले ही उसे अस्वीकार कर चुका है।