जालोर: वेसै तो गवर्नमेंट ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के नारे के साथ समाज में बेटिओं के महत्व को समझाने का हर संभव कोशिश कर रही है लेकिन इस सब के बावजूद बेटिओं के प्रति लोगों की सोच में कोई खास बदलाव नहीं हो पा रहा है। आज भी घर में अगर बेटी का जन्म होता है तो घर में उदासी छा जाती है। लेकिन जालोर के रामसीन कस्बे का जसरूप चंद प्रजापत की बेटी ममता को जब बेटी हुई तो उसके ससुरा वालों ने कुछ ऐसा किया कि आप भी सुनकर दंग रह जाएंगे।
शादी के बाद ममता अपने ससुराल में रह रही थी शादी के बाद ममता ने एक बच्ची को जन्म दिया वयहीं से उसके बुरे दिनों की शुरूआत हो गई। समाचार के अनुसार बच्ची ने एक ऐसे नक्षत्र में जन्म लिया था जिसको लेकर यह अंधविश्वास है कि इस नक्षत्र में अगर किसा को लड़की पैदा होती है तो उस महिला को लगातार पांच लड़कियां ही जन्म लेंगी। इसी भ्रम की वजह से ममता के ससुराल वालो ने ममता को घर से निकाल दिया।
खबरों के अनुसार जब ममता को लड़की हुई तो ससुराल पक्ष ने ममता के साथ दुर्व्यवहार करना प्रारम्भ कर दिया। सुरालवालों ने ममता को समय पर खाना तक देना बंद कर दिया। यहां तक की उन्होनें ममता के एक कमरे में ही रखना पुरी कर दिया। ममता को उस कमरे से बाहर निकलना तक मना कर दिया गया। इस तरह ममता को बुरी तरह से प्रताड़ना झेलनी पड़ी। जिससे उसकी मानसिक स्थिति तक गड़बड़ा गई। फिर भी ममता के ससुराल वालो को दया नहीं आई।
ससुराल वोलो नें ममता को अपने पीहर से रुपये लाने के लिए भी परेशान करना प्रारम्भ कर दिया।जिसके बाद ममता ने अपने पिता से पूरे मामले को बताया। जिसके बाद पिता ने तुरंत अपने रिश्तेदारों से बात की। जिसके बाद सभी ने मिलकर ममता के ससुराल वालों से बात की लेकिन बच्ची का जन्म बेकार नक्षत्र में होने वाली बात कहकर ममता के ससुराल वालों ने बच्ची को स्वीकार करने से मना कर दिया।
वहीं दिन ब दिन ममता की तबियत बेकार होती गई। ऐसे में ममता ने ससुराल वालों के अंधविश्वास का विरोध करने का निर्णय लिया। जिसके बाद ममता पुलिस थाना रामसीन पहुंच गई व ससुरला वालों के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज करवाई। जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पुलिस नें ममता के पति को अरैस्ट कर लिया। लेकिन पति की जमानत हो गई व मामला न्यायालय में विचाराधीन है।