केरल के CM पिनराई विजयन ने सोमवार को बोला कि उनकी गवर्नमेंट सब्रीमाला निर्णय के विरूद्धपुनर्विचार याचिका दायर नहीं करेगी. बता दें सुप्रीम न्यायालय ने राज्य में स्थित सब्रीमाला मंदिर में हर आयु की स्त्रियों के प्रवेश को लेकर निर्णय सुनाया था. मुख्यमंत्री ने बीजेपी व कांग्रेस पार्टी की भी आलोचना की. मुख्यमंत्री का बयान उस समय आया जब केरल के कई हिंदूवादी संगठन निर्णय के विरोध में सोमवार को पुनर्विचार याचिका दाखिल करने सुप्रीम न्यायालय पहुंचे. उन्होंने इस मामले में आरएसएस को भी जिम्मेदार ठहराया.
मुख्यमंत्री ने तिरुवंतपुरम में मीडिया से वार्ता में बोला कि राज्य गवर्नमेंट सुप्रीम न्यायालय का निर्णयलागू करने के लिए बाध्य है. कुछ ताकतें धर्म के नाम पर कठिनाई बढ़ाने की प्रयास कर रही हैं. लेकिन गवर्नमेंट उनसे सख्ती से निपटेगी. उन्होंने ये भी बोला कि वह कभी मंदिर में स्त्रियों के प्रवेश को लेकर न्यायालय नहीं गए. जब न्यायालय ने राज्य की राय मांगी तो उन्होंने बोला कि वह मंदिर में स्त्रियों के प्रवेश को समर्थन देते हैं.
उन्होंने कांग्रेस पार्टी व बीजेपी दोनों ही पार्टियों की आलोचना करते हुए बोला कि पहले दोनों पार्टियों ने निर्णय को ऐतिहासिक बताया था. लेकिन अब उन्हें स्थिति को बेकार करने का मौका मिल गया है.लेकिन भक्तों को जल्द ही अपनी भूल का अहसास होगा. उन्होंने बोला कि ये पार्टियां संदेश फैला रही हैं कि इस निर्णय के लिए गवर्नमेंट जिम्मेदार है. समाज में सभी तरह के परिवर्तन कुछ प्रतिरोधों के बाद ही आते हैं. एक चुनी हुई गवर्नमेंट होने के नाते ये हमारा कर्तव्य बनता है कि हम सुप्रीम न्यायालय के निर्णय को मानें.
बता दें केरल में इस समय वामपंथी गवर्नमेंट है. गवर्नमेंट ने सबरीमाला मंदिर के पुजारियों व पंडालन शाही परिवार के सदस्यों को भी सोमवार को मीटिंग के लिए बुलाया था. क्योंकि जो लोग मंदिर में प्रवेश के निर्णय के विरोध में रैली निकाल रहे थे उसमें इस परिवार के सदस्य व मंदिर के पुजारी भी शामिल थे. लेकिन दोनों ने ही गवर्नमेंट के इस आमंत्रण को कोई महत्व नहीं दिया.