नई दिल्ली/काबुल: अफगानिस्तान के प्रांतीय अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि राष्ट्र में हाल में हुए तालिबान के हमलों में 11 पुलिसवालों सहित 21 लोग मारे गए। ये पुलिसकर्मी उत्तरी बगलान प्रांत में जांच चौकी पर हुए हमले में मारे गए।
इन हमलों की समाचार ऐसे समय में आई है जब तालिबान के प्रतिनिधि पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, विपक्षी नेताओं एवं कबीले के प्रमुखों सहित अफगानिस्तान की प्रमुख शख्सियतों के साथ मॉस्को में मीटिंग करने वाले थे। हालांकि काबुल गवर्नमेंट के अधिकारियों को इनमें शामिल नहीं किया गया।
प्रांतीय परिषद के प्रमुख सफदर मोहसिनी ने बताया कि सोमवार रात सुरक्षा चौकी पर हुए हमले में बगलानी मरकाजी के बगलान जिले में लोकल पुलिस बल को निशाना बनाया गया जिसके बाद गोलीबारी प्रारम्भ हो गई व करीब दो घंटे तक चली।
उन्होंने बताया कि इसमें पांच पुलिसकर्मी घायल भी हो गए व अलावा सेना के पहुंचने से पहले तालिबान ने सुरक्षा चौकी से सभी हथियार एवं गोला-बारूद लूट लिए।
मोहसिनी ने कहा, “वे वहां देर से पहुंचे, फिर लड़े व जांच चौकी पर नियंत्रण पाने में पास हुए। ”
प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता सेदिक अजीजी ने बताया कि इससे पहले सोमवार प्रातः काल तालिबान ने उत्तरी समांगन प्रांत में गवर्नमेंट समर्थित लोकल मिलिशिया को निशाना बनाया जिसमें एक महिला समेत 10 लोगों की मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि समांगन के दारा-ए-सुफ जिले में हुए इस हमले में चार अन्य घायल हुए।
अजीजी के मुताबिक तालिबान ने स्त्रियों एवं बच्चों समेत लोकल गांववासियों को निशाना बनाया।इलाके के बेहद अंदरुनी होने की वजह से गांववासियों के पास अपने इलाके की सुरक्षा के लिए वचरमपंथियों से अपने घरों को सुरक्षित रखने के लिए खुद की मिलिशिया है। तालिबान ने मीडियो को दिए बयान में इन दोनों हमलों की जिम्मेदारी ली है।
मंगलवार को मॉस्को में तालिबान एवं अफगानिस्तान की प्रमुख शख्सियतों के बीच प्रारम्भ हुई दो दिवसीय मीटिंग को अफगानिस्तान के 17 वर्ष के युद्ध को सुलझाने की प्रक्रिया में एक अन्य कदम के तौर पर देखा जा रहा है। अमेरिकी शांति दूत जलमय खलीलजाद की पिछले वर्ष सितंबर में नियुक्ति के बाद इस प्रक्रिया में तेजी आई है।
लेकिन इस मीटिंग में अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी की गवर्नमेंट को दरकिनार कर दिया गया जिसने इस मीटिंग की आलोचना की है।