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Terrorist hideout busted in Faridabad: विस्फोटक सामग्री और हथियारों की बड़ी खेप जब्त

Terrorist hideout busted in Faridabad: हरियाणा के फरीदाबाद शहर में जम्मू-कश्मीर पुलिस की एक संयुक्त टीम ने धौज इलाके में छापेमारी करके आतंकवाद से जुड़े एक बड़े नेटवर्क को उजागर किया. यहां एक किराए के कमरे से लगभग 350 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ, जो विस्फोटक बनाने में इस्तेमाल होता है. इसके अलावा दो ऑटोमैटिक पिस्टल, एक AK-56 राइफल, 84 कारतूस और पांच लीटर संदिग्ध केमिकल भी मिले. यह कार्रवाई स्थानीय लोगों में दहशत पैदा कर रही है, क्योंकि इलाका शांतिपूर्ण माना जाता था. पुलिस ने बताया कि यह सामग्री आतंकी हमलों की योजना का हिस्सा हो सकती है, हालांकि अभी तक कोई आरडीएक्स नहीं मिला.

Terrorist hideout busted in Faridabad
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गिरफ्तारी और पूछताछ की पूरी प्रक्रिया

जम्मू-कश्मीर पुलिस की पांच सदस्यीय टीम एक विशेष वाहन से फरीदाबाद (Faridabad) पहुंची और संदिग्ध मुजाहिल शकील की निशानदेही पर डॉक्टर के किराए के घर पर सर्च ऑपरेशन चलाया. यह अभियान सुबह से शुरू होकर देर रात तक चला, जिसमें सात से आठ घंटे लगे. फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर सतेंद्र गुप्ता ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि घर से 14 बैग अमोनियम नाइट्रेट, एक असॉल्ट राइफल, तीन मैगजीन और एक पिस्टल जब्त की गई. दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें मुख्य आरोपी डॉक्टर शामिल है जो एक यूनिवर्सिटी में पढ़ाता था. पुलिस उपायुक्त मुकेश कुमार ने भी इसकी पुष्टि की और बताया कि जांच अभी जारी है.

अनंतनाग से फरीदाबाद तक का कनेक्शन

यह सिलसिला अनंतनाग के डॉक्टर आदिल अहमद से शुरू हुआ, जिन्हें उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से जैश-ए-मोहम्मद के लिंक के कारण गिरफ्तार किया गया. आदिल की पूछताछ से मुजाहिल शकील का नाम सामने आया, जो फरीदाबाद में किराए पर कमरा लेकर रहता था. शकील ने तीन महीने पहले ही यह कमरा लिया था और मकान मालिक को बताया कि सिर्फ सामान रखना है. कमरे में कोई नहीं रहता था, सिर्फ बैग भरे पड़े थे. छापे में 10-12 पुलिस वाहन मौके पर पहुंचे और पूरे इलाके को घेर लिया गया. पुलिस अब चार राज्यों – जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और गुजरात – के बीच कनेक्शन की जांच कर रही है.

गुजरात में आतंकवाद निरोधक दस्ते की सफलता

गुजरात एटीएस ने अहमदाबाद में तीन संदिग्धों को पकड़ा, जो देशव्यापी आतंकी साजिश रच रहे थे. ये गिरफ्तारियां एक साल की निगरानी का नतीजा हैं. संदिग्धों के पास से ग्लॉक पिस्टल, बेरेटा पिस्टल, 30 कारतूस और चार लीटर अरंडी का तेल मिला. डीआईजी सुनील जोशी ने बताया कि मुख्य आरोपी सैयद अहमद मोहिउद्दीन हैदराबाद से आया था और अडालज टोल प्लाजा पर पकड़ा गया. वह चीन से एमबीएस करने वाला डॉक्टर है और विदेशी संपर्कों से जुड़ा था.

रासायनिक हथियार बनाने की खतरनाक योजना

मोहिउद्दीन रिसिन नामक घातक जहर तैयार कर रहा था, जो अरंडी के बीजों से बनता है. वह टेलीग्राम पर अबू खदीजा आईडी से ISKP से लिंक रखता था. अन्य आरोपी मोहम्मद सुहेल और आजाद हथियार सप्लाई में शामिल थे. एटीएस के अनुसार, ये लोग विभिन्न शहरों में बड़े हमले प्लान कर रहे थे. गुजरात की यह कार्रवाई फरीदाबाद मामले से जुड़ती दिख रही है, क्योंकि दोनों में डॉक्टरों की संलिप्तता और विस्फोटक सामग्री आम है.

सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और आगे की जांच

ये घटनाएं दिखाती हैं कि आतंकी संगठन अब शिक्षित पेशेवरों को भर्ती कर रहे हैं. अमोनियम नाइट्रेट जैसे सामान्य उर्वरक को विस्फोटक में बदलना आसान है, इसलिए इसकी निगरानी जरूरी हो गई है. पुलिस ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि संदिग्ध गतिविधियों की सूचना दें. फरीदाबाद में ऑपरेशन अभी पूरा नहीं हुआ, और अधिक गिरफ्तारियां हो सकती हैं. गुजरात में भी जांच गहराई तक जा रही है. इन कार्रवाइयों से आतंकवाद विरोधी अभियान को मजबूती मिली है, लेकिन सतर्क रहना आवश्यक है.

आतंकवाद के बदलते स्वरूप पर चिंता

आतंकी अब किराए के कमरों, डॉक्टरों और रासायनिक ज्ञान का इस्तेमाल कर रहे हैं. फरीदाबाद और गुजरात की घटनाएं एक बड़े नेटवर्क की ओर इशारा करती हैं. सुरक्षा बलों की मेहनत से कई हमले रुके हैं, लेकिन समाज को भी जागरूक होना पड़ेगा. ये मामले साबित करते हैं कि आतंकवाद किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं रहा.

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