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Palak Pyaaj Ki Kachori Recipe: पालक और प्याज की कचौड़ी: सर्दियों में स्वाद और सेहत का अनोखा संगम

Palak Pyaaj Ki Kachori Recipe: अगर आप ऐसे स्नैक्स पसंद करते हैं जो रोज़मर्रा के स्वाद से हटकर हों और परिवार को भी कुछ नया परोसने का मौका दें, तो पालक और प्याज की कचौड़ी आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है. यह कचौड़ी देखने में जितनी आकर्षक लगती है, उतनी ही स्वादिष्ट और पौष्टिक (Delicious and nutritious) भी होती है. पालक की प्राकृतिक हरी खूबसूरती और प्याज का हल्का मीठापन इस डिश को खास बनाते हैं. सर्द मौसम में जब सभी गर्म और कुरकुरे व्यंजनों का मज़ा लेना पसंद करते हैं, तब यह कचौड़ी सुबह के नाश्ते या शाम की चाय के साथ एक बेहतरीन ऑप्शन साबित होती है. इसका क्रिस्पी टेक्सचर बच्चों को भी बहुत पसंद आता है और इसे स्कूल टिफिन में देना भी आसान रहता है. इसी वजह से यह एक ऐसी रेसिपी बन जाती है जिसे हर उम्र के लोग खुशी से खा सकते हैं.

Palak Pyaaj Ki Kachori Recipe
Palak Pyaaj Ki Kachori Recipe
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आवश्यक सामग्री

पालक प्याज की कचौड़ी तैयार करने के लिए कुछ आसानी से उपलब्ध होने वाली सामग्री की जरूरत होती है. यह सामग्री आपके घर की रसोई में अक्सर मौजूद रहती है, जिससे यह रेसिपी न सिर्फ स्वादिष्ट बल्कि बेहद (delicious but very) सरल भी बन जाती है.

आटा तैयार करने के लिए सामग्री

इस रेसिपी का सबसे आधारभूत हिस्सा है इसका आटा, जो कचौड़ी को सही आकार और कुरकुरापन देता है. इसके लिए मैदा, सूजी, तेल और नमक को मिलाकर आटा गूंथा जाता है. थोड़ा–थोड़ा पानी डालकर इसे सख्त लेकिन मुलायम (Tough but soft) रखा जाता है. आटा ज्यादा नरम होगा तो कचौड़ी फट सकती है और ज्यादा सख्त हुआ तो अच्छी फुलेगी नहीं. इसलिए उचित संतुलन का खास ध्यान रखना जरूरी है. आटे को थोड़ी देर ढककर रखने से यह सेट हो जाता है और कचौड़ी बनाने में आसानी आता है.

मसालेदार पालक–प्याज की फिलिंग

कचौड़ी का पूरा स्वाद इसकी भरावन पर निर्भर करता है. फिलिंग तैयार करते समय सबसे पहले प्याज को हल्का सुनहरा होने तक भूनना ज़रूरी है. इसके बाद बारीक कटा पालक डालने से रंग और सुगंध दोनों ही बढ़ जाते हैं. पालक थोड़ी देर में ही सिकुड़ जाता है इसलिए इसे ज्यादा देर तक न पकाएं. इसके बाद हरी मिर्च, अदरक, लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर, गरम मसाला और नमक मिलाकर मिश्रण तैयार (Prepare the mixture) किया जाता है. मसालों की मात्रा अपने स्वाद के अनुसार कम–ज़्यादा की जा सकती है. फिलिंग को पूरी तरह ठंडा करना जरूरी है ताकि कचौड़ी भरते समय आटा ढीला न पड़े.

कचौड़ियों का आकार और तैयारी

जब आटा और फिलिंग दोनों तैयार हो जाएं, तब छोटे–छोटे गोले बनाकर उन्हें हल्का बेलें और बीच में भरावन रखें. किनारों को बंद करने का तरीका बहुत महत्वपूर्ण (method is very important) है क्योंकि अगर किनारे ठीक से न दबाए जाएं तो तलते समय भरावन बाहर आ सकता है. कचौड़ी को हल्के हाथ से गोल आकार देकर बेलना चाहिए ताकि अंदर की फिलिंग बराबर फैले और कचौड़ी सुडौल बने.

तलने की प्रक्रिया

कचौड़ियों को तलने के लिए तेल मीडियम आंच पर ही गर्म करना चाहिए. बहुत तेज आंच पर तलने से वे बाहर से लाल दिखेंगी पर अंदर से कच्ची रह जाएंगी. जबकि धीमी आंच पर तलने से कचौड़ियाँ ज्यादा तेल सोख सकती हैं. इसलिए संतुलित आंच (balanced flame) पर धीरे–धीरे तलना ही सही रहता है. जब कचौड़ियाँ सुनहरी और कुरकुरी हो जाएँ, तब उन्हें टिश्यू पेपर पर निकाल लें जिससे अतिरिक्त तेल हट जाए.

परोसने का तरीका

गरमागर्म कचौड़ियाँ इमली की खट्टी–मीठी चटनी, धनिया–पुदीना चटनी या दही के साथ परोसी जाएं तो स्वाद और भी बढ़ जाता है. परिवारिक मिलन, छुट्टियों की सुबह (holiday morning) या खास मेहमानों के आने पर यह रेसिपी जरूर सबका दिल जीत लेती है.

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