America-Israel relations: सऊदी-अमेरिकी रिश्तों में नई गूँज, हो गया ये बड़ा ऐलान
America-Israel relations: सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) 18 नवंबर को व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने और बाइलेटरल बातचीत करने आ रहे हैं. इससे यह संभावना बढ़ गई है कि सऊदी अरब अब्राहम अकॉर्ड्स में शामिल हो सकता है. व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने सोमवार को क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के दौरे की घोषणा की. यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब डोनाल्ड ट्रंप सऊदी अरब पर अब्राहम अकॉर्ड्स में शामिल होने वाले देशों की लिस्ट में शामिल होने का दबाव डाल रहे हैं.

अपने पहले कार्यकाल के दौरान, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने Israel के साथ रिश्ते नॉर्मल करने के लिए यूनाइटेड अरब अमीरात, बहरीन, सूडान और मोरक्को के साथ समझौते साइन किए थे. हालांकि, फिलिस्तीनी राज्य की स्थिति पर ठोस कार्रवाई न होने के कारण सऊदी अरब अब्राहम अकॉर्ड्स में शामिल होने से हिचकिचा रहा है. अब माना जा रहा है कि America का यह दौरा इस हिचकिचाहट को दूर कर सकता है, क्योंकि ट्रंप ने खुद इसके संकेत दिए हैं.
ट्रंप ने किसके बारे में संकेत दिया
डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को CBS के “60 मिनट्स” में एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें विश्वास है कि सऊदी अरब आखिरकार इस समझौते में शामिल हो जाएगा. इस महीने की शुरुआत में, अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि अब्राहम अकॉर्ड्स का जल्द ही विस्तार होगा और उम्मीद है कि सऊदी अरब इसमें शामिल होगा. अगस्त में, उन्होंने इस समझौते में मिडिल ईस्ट (Middle East) के देशों के शामिल होने के महत्व पर भी ज़ोर दिया था. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है की दोनों देशों के संबंध (America-Israel relations) सुधरने की ओर अग्रसित हैं.
US-सऊदी रक्षा समझौते पर भी चर्चा
इस दौरे के दौरान, ट्रंप और क्राउन प्रिंस US-सऊदी रक्षा समझौते पर भी चर्चा कर सकते हैं. फाइनेंशियल टाइम्स ने दो हफ्ते पहले रिपोर्ट किया था कि सलमान के दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच ऐसा समझौता होने की उम्मीद है. ट्रंप प्रशासन के एक सीनियर अधिकारी (Senior Officer) ने रॉयटर्स को बताया कि “जब क्राउन प्रिंस आएंगे तो कुछ समझौते साइन करने पर बातचीत चल रही है, लेकिन अभी तक डिटेल्स नहीं दी गई हैं.”
तेल और सुरक्षा की एक बड़ी पार्टनरशिप
सऊदी अरब ने अपने देश की रक्षा के लिए अमेरिका से फॉर्मल गारंटी और एडवांस्ड अमेरिकी हथियारों तक पहुंच की मांग की है. सऊदी अरब अमेरिकी हथियारों के सबसे बड़े कस्टमर्स में से एक है, और दोनों देशों ने दशकों से इस व्यवस्था के आधार पर मजबूत रिश्ते बनाए रखे हैं. अमेरिका सऊदी अरब को तेल सप्लाई करता है, और बदले में, वाशिंगटन सऊदी अरब को सुरक्षा (Security) देता है. मई में रियाद में ट्रंप के दौरे के दौरान, अमेरिका ने सऊदी अरब को लगभग $142 बिलियन के हथियारों का पैकेज बेचने पर सहमति जताई थी. ट्रंप ने सलमान के $600 बिलियन के निवेश के वादे का भी स्वागत किया, और मज़ाक में कहा कि यह $1 ट्रिलियन होना चाहिए.



