लाडली बहन योजना: बंद होने की अफवाहों पर लगी पूरी तरह मुहर, महिलाओं की आर्थिक मदद जारी रहेगी
महाराष्ट्र सरकार की फ्लैगशिप स्कीम मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहन योजना ने महिलाओं के जीवन में एक नई उम्मीद जगाई है. यह योजना न सिर्फ आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये की मदद देती है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का भी बड़ा काम कर रही है. हाल ही में सोशल मीडिया और कुछ न्यूज चैनलों पर योजना बंद होने की अफवाहें फैलीं, जिससे लाखों लाभार्थी महिलाएं चिंतित हो गईं. लेकिन अब यह साफ हो गया है कि योजना पूरी तरह सक्रिय है और इसका भविष्य भी मजबूत है. उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने खुद इसकी पुष्टि की है, जो महिलाओं के लिए बड़ी राहत की बात है. यह स्कीम 2024 में शुरू हुई थी और आज तक करोड़ों महिलाओं तक पहुंच चुकी है, जो राज्य की महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है.
योजना बंद होने की अफवाहों पर एकनाथ शिंदे का सख्त रुख
ठाणे में एक हालिया कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने योजना को लेकर साफ लफ्जों में कहा कि मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहन योजना कभी बंद नहीं होगी. उन्होंने इसे सरकार की सबसे पॉपुलर और प्रभावी स्कीम बताया. शिंदे ने कहा कि 2022 से 2024 तक मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने कई विकास कार्य किए, लेकिन महिलाओं को मासिक आर्थिक सहायता देने वाली यह योजना जनता से सबसे ज्यादा जुड़ी रही. उन्होंने योजना की लाभार्थी महिलाओं को धन्यवाद दिया, क्योंकि इन्होंने ही महायुति गठबंधन को हाल के विधानसभा चुनावों में भारी सफलता दिलाई. बीजेपी, शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी वाली इस गठबंधन को महिलाओं के वोट ने सत्ता में वापस लाने में अहम भूमिका निभाई. शिंदे ने जोर देकर कहा कि योजना का वादा किया गया था और उसे पूरा करना सरकार का फर्ज है. यह बयान न सिर्फ अफवाहों पर पूर्ण विराम लगाता है, बल्कि महिलाओं के विश्वास को और मजबूत करता है. योजना के तहत अब तक 3000 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि वितरित हो चुकी है, और 2025-26 के लिए 36,000 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है.
e-KYC प्रक्रिया क्यों जरूरी है और कैसे पूरी करें
योजना के सुचारू संचालन के लिए e-KYC प्रक्रिया अनिवार्य कर दी गई है. यह स्टेप महिलाओं की पहचान की पुष्टि करने और फर्जी लाभार्थियों को रोकने के लिए उठाया गया है. महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिती तटकरे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए सभी लाभार्थी महिलाओं से अपील की है कि वे जल्द से जल्द e-KYC पूरा कर लें. उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया सरल है और आधिकारिक वेबसाइट ladakibahin.maharashtra.gov.in पर उपलब्ध है. मंत्री ने कहा कि योजना के तहत लगातार 1500 रुपये पाने के लिए यह कदम जरूरी है, क्योंकि बिना वेरिफिकेशन के अगली किस्तों में दिक्कत हो सकती है. e-KYC से न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि अन्य सरकारी योजनाओं के लाभ भी आसानी से मिल सकेंगे. प्रक्रिया में आधार कार्ड का इस्तेमाल होता है, जहां ओटीपी के जरिए वेरिफिकेशन होता है. अगर किसी को ऑनलाइन दिक्कत हो, तो नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन करा सकती हैं.
e-KYC की अंतिम तिथि और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष छूट
e-KYC की अंतिम तारीख 18 नवंबर 2025 है. मंत्री तटकरे ने स्पष्ट किया कि सितंबर 2025 से शुरू हुई इस प्रक्रिया को दो महीने का समय दिया गया था, और अब आखिरी चरण में हैं. अगर कोई महिला इस तारीख तक e-KYC पूरा नहीं करती, तो उनकी अगली मासिक राशि रुक सकती है. लेकिन अच्छी बात यह है कि बाढ़ प्रभावित जिलों की महिलाओं के लिए 15 दिनों की अतिरिक्त छूट दी गई है. महाराष्ट्र में हाल की बाढ़ ने कई इलाकों को प्रभावित किया, इसलिए वहां की महिलाओं को 3 दिसंबर तक का समय मिलेगा. तटकरे ने कहा कि सर्वर सिस्टम में सुधार कर लिया गया है, जिससे अब प्रक्रिया तेज और आसान हो गई है. अक्टूबर की 16वीं किस्त 5 नवंबर से वितरित होनी शुरू हो चुकी है, जो आधार लिंक्ड बैंक अकाउंट में सीधे आएगी. अब तक 1.1 करोड़ से ज्यादा महिलाओं ने e-KYC पूरा कर लिया है, और प्रतिदिन 4-5 लाख वेरिफिकेशन हो रहे हैं.
योजना के लाभ और पात्रता मानदंड
मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहन योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है. यह 21 से 65 साल की उन महिलाओं के लिए है, जिनके परिवार की सालाना आय 2.5 लाख रुपये से कम है. शादीशुदा, तलाकशुदा, विधवा या परिवार की एक अविवाहित महिला इस स्कीम की हकदार हो सकती है. योजना से महिलाएं न सिर्फ घरेलू खर्च चला पा रही हैं, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और छोटे व्यवसाय में भी निवेश कर रही हैं. सरकार ने योजना को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए लागू किया है, जो भ्रष्टाचार रोकता है. हाल ही में 26 लाख से ज्यादा अयोग्य लाभार्थियों को हटा दिया गया, जिसमें कुछ सरकारी कर्मचारी भी शामिल थे. इससे असली जरूरतमंदों तक मदद पहुंच रही है. योजना ने महिलाओं के सामाजिक उत्थान में बड़ी भूमिका निभाई है, और भविष्य में इसे और विस्तार देने की योजना है.
महिलाओं के सशक्तिकरण में योजना की भूमिका
यह योजना सिर्फ पैसे की मदद नहीं, बल्कि महिलाओं को समाज में नई पहचान दे रही है. कई महिलाएं बता रही हैं कि इस राशि से वे बच्चों की पढ़ाई कर पा रही हैं या घर की छोटी-मोटी जरूरतें पूरी कर रही हैं. एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह सशक्तिकरण की क्रांति है, जो महाराष्ट्र की हर कोने तक पहुंचेगी. अदिती तटकरे ने भी जोर दिया कि महिलाओं का विश्वास ही योजना की ताकत है. आने वाले समय में योजना को अन्य स्कीमों से लिंक किया जाएगा, ताकि महिलाओं को ज्यादा लाभ मिले. कुल मिलाकर, यह स्कीम महाराष्ट्र की महिलाओं के लिए एक वरदान साबित हो रही है, और e-KYC पूरा करने से इसका फायदा बिना रुकावट के जारी रहेगा. अगर आप लाभार्थी हैं, तो देर न करें और आज ही प्रक्रिया शुरू कर दें.



