Amitabh Jaya Wedding: ब्राह्मण नहीं थे अमिताभ, फिर भी सिर पर चढ़ा था जया से शादी का भूत, पंडितों ने भी कर दिया था मना…
Amitabh Jaya Wedding: अमिताभ बच्चन और जया बच्चन की लव स्टोरी और शादी के बारे में बहुत कुछ लिखा और पढ़ा गया है. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उनकी शादी में उनकी जाति एक बड़ा मुद्दा थी. जिस पंडित ने उनकी शादी करवाई थी, उसने शादी करवाने से मना कर दिया था. जया बच्चन के पिता और जाने-माने लेखक, तरुण कुमार भादुड़ी ने इस बारे में खुलकर बात की थी. अमिताभ की शादी करवाने वाले बंगाली पंडित ने अमिताभ के गैर-ब्राह्मण होने पर सवाल उठाया था.

शादी में आई थी कई दिक्कतें
तरुण कुमार भादुड़ी ने एक इंटरव्यू में बताया कि वह पहली बार अमिताभ से 1970 के दशक में मिले थे. यह वह समय था जब उनकी बेटी जया बच्चन उन्हें डेट कर रही थीं. उनकी पहली मुलाकात काफी अच्छी रही. कुछ समय बाद, अमिताभ ने फोन पर जया के परिवार को अपनी शादी के बारे में बताया. क्योंकि यह एक सीक्रेट शादी थी, इसलिए भादुड़ी परिवार शादी में शामिल होने के लिए भोपाल से बॉम्बे गया. हालांकि, बंगाली पंडित ने Amitabh Jaya की Wedding के दौरान कई दिक्कतें खड़ी कर दीं.
पंडित को आपत्ति थी
तरुण कुमार भादुड़ी ने कहा, “मैं नास्तिक हूं, लेकिन मेरी पत्नी नहीं. उन्होंने ज़ोर दिया कि शादी बंगाली रीति-रिवाजों से हो. बंगाली शादी आमतौर पर लंबी होती है, लेकिन बहुत मज़ेदार होती है. जिस बंगाली पंडित को बड़ी मुश्किल से ढूंढा गया था, उसने शुरू में एक बंगाली ब्राह्मण जया और एक गैर-बंगाली गैर-ब्राह्मण (non-Bengali non-Brahmin) अमित की शादी पर आपत्ति जताई.
बहुत सारी कोशिशों के बाद आखिरकार सब कुछ ठीक हो गया. अमित ने हर रस्म को बिना किसी को नाराज किए पूरा किया. ये रस्में हिंदू शादी की परंपराएं थीं, जैसे सिंदूर भरना और फेरे लेना. वे रस्में रात भर चलीं और अगली सुबह तक जारी रहीं. अमित से जो भी काम कहा गया, उन्होंने सच्चे दिल (true heart) से निभाया. उन्होंने हर निर्देश को बिना शिकायत के माना.
शादी के बाद, अमित और जया अगले दिन ही लंदन रवाना हो गए. यह उनका हनीमून था. यात्रा के दौरान वे नई जिंदगी की शुरुआत कर रहे थे. कुछ हफ्तों बाद जब वे भारत लौटे, तो मैंने भोपाल में उनका स्वागत करने के लिए एक बड़ा समारोह (Celebration) आयोजित किया. यह समारोह परिवार और दोस्तों से भरा था. अमित ने वहां भी मेरी सलाह का पूरा पालन किया. उन्होंने हर बात को ध्यान से सुना और वैसा ही किया.
इस पूरे घटनाक्रम से अमिताभ बच्चन और जया बच्चन की शादी संपन्न हुई. यह शादी 1973 में हुई थी, जब अमिताभ की फिल्में लोकप्रिय हो रही थीं. जया एक मशहूर अभिनेत्री थीं. उनकी जोड़ी ने बॉलीवुड को नई ऊंचाइयां दीं. अमित ने अपनी जिम्मेदारियों को इतनी ईमानदारी से निभाया कि परिवार सब खुश रहा. रस्मों में देरी हुई, लेकिन अंत में सब सही रहा. स्वागत समारोह में लोग उनकी सफल शादी की दुआएं देते रहे. अमित का व्यवहार दिखाता है कि शादी सिर्फ दो लोगों की नहीं, बल्कि परिवार की एकता का प्रतीक (Symbol of unity) है. इस तरह उनकी कहानी एक मिसाल बन गई.



