Bangladesh BNP: बांग्लादेश में फटा चुनावी बम, बीएनपी ने 237 सीटों पर झोंक दी अपनी पूरी ताकत
Bangladesh BNP: बांग्लादेश में अगले साल फरवरी में आम चुनाव होने हैं. पूरे देश में चुनावों की तैयारियां तेज़ हो गई हैं. राजनीतिक पार्टियां भी अपनी चुनावी स्थिति मज़बूत करने में लगी हैं. इसी बीच, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा ज़िया की पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने सोमवार को फरवरी में होने वाले आम चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. पार्टी के महासचिव मिर्ज़ा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने बताया कि BNP ने 300 में से 237 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं.

पार्टी के महासचिव ने बताया कि 80 साल की पार्टी प्रमुख खालिदा ज़िया तीन सीटों से चुनाव लड़ेंगी, जबकि उनके बेटे और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान एक सीट से चुनाव लड़ेंगे. आलमगीर ने यह भी कहा कि पार्टी ने कुछ सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतारे हैं ताकि उन सहयोगी पार्टियों को मौका मिल सके, जिन्होंने BNP के साथ मिलकर हटाई गई अवामी लीग सरकार के खिलाफ आंदोलन में हिस्सा लिया था.
उम्मीदवारों की लिस्ट में और भी बदलाव हो सकते हैं
BNP के महासचिव आलमगीर ने कहा कि यह एक शुरुआती लिस्ट है. उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि पार्टी द्वारा घोषित उम्मीदवारों की लिस्ट में और भी बदलाव हो सकते हैं. लंदन से इस वर्चुअल बातचीत के दौरान तारिक रहमान ने कहा कि सभी को टिकट देना संभव नहीं था. उन्होंने आगे कहा कि BNP ने उन दूसरी लोकतांत्रिक पार्टियों के उम्मीदवारों को भी सपोर्ट करने का फैसला किया है जो फासीवाद विरोधी आंदोलन में उनके साथ शामिल हुई हैं.
BNP का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन है
BNP ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि अगर खालिदा ज़िया की सेहत ठीक रही तो वह प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवार होंगी. अगर ऐसा नहीं होता है तो तारिक रहमान पार्टी की दूसरी पसंद होंगे. तारिक रहमान 2008 से लंदन में रह रहे हैं. पार्टी का कहना है कि वह राजनीतिक उत्पीड़न (Political analysis) से बचने के लिए देश छोड़कर चले गए थे, लेकिन फरवरी में होने वाले चुनावों से पहले लौट आएंगे.
समझें कि बांग्लादेश चुनावों में BNP मुख्य दावेदार कैसे है
इस बार बांग्लादेश के आम चुनावों में एक बड़ा बदलाव दिख रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग ने चुनावों से हाथ खींच लिया है. इस कारण बीएनपी पार्टी को मुख्य दावेदार (Main contenders) माना जा रहा है. अवामी लीग ने लंबे समय से सत्ता संभाली थी. अब बीएनपी को मौका मिला है.
बांग्लादेश की राजनीति में दशकों से दो प्रमुख नेताओं के बीच गहरी दुश्मनी चली आ रही है. ये नेता हैं खालिदा जिया और शेख हसीना. खालिदा जिया बीएनपी की संस्थापक हैं. शेख हसीना अवामी लीग की प्रमुख रह चुकी हैं. उनकी दुश्मनी ने देश की सियासत को हमेशा प्रभावित किया. कई बार इससे हिंसा भी भड़की. उदाहरण के लिए 2018 के चुनावों में दोनों पक्षों के बीच तनाव चरम पर था.
शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान बांग्लादेश के संस्थापक नेता थे. उन्होंने 1971 में स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया. लेकिन 1975 में उनकी हत्या कर दी गई. यह घटना देश की राजनीति को हिला गई. हत्या के बाद से बांग्लादेश में स्थिरता नहीं रही. कई तख्तापलट हुए. सेना का हस्तक्षेप बढ़ा. आर्थिक विकास (Economic development) रुका. लाखों लोग प्रभावित हुए.
मुजीबुर रहमान की हत्या के कुछ महीनों बाद खालिदा जिया के पति जनरल जियाउर रहमान सत्ता में आए. वे सेना के प्रमुख थे. उन्होंने अस्थिरता को संभालने की कोशिश की. बाद में वे देश के राष्ट्रपति बने. जियाउर रहमान ने इस्लामी मूल्यों पर जोर दिया. इससे राजनीतिक बदलाव (Political changes) आए. लेकिन 1981 में एक असफल तख्तापलट में उनकी हत्या हो गई. यह घटना ने फिर अराजकता बढ़ाई. खालिदा जिया ने तब बीएनपी की कमान संभाली.
इन घटनाओं ने बांग्लादेश को एक अस्थिर राष्ट्र बनाया. अब चुनावों से नई उम्मीदें जग रही हैं. लेकिन पुरानी दुश्मनी का साया अभी भी है.



