Kartik Purnima: गंगा किनारे मनाया जाएगा आस्था का महापर्व, लाखों दीपों से झिलमिलाएगा घाट
Kartik Purnima: आज कार्तिक पूर्णिमा मेले में एक भव्य दीपांजलि समारोह होगा. गंगा में डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालु दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए दीये जलाएंगे. ब्रजघाट और खादर मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. मेला अधिकारी के अनुसार, सोमवार शाम तक दोनों मेलों में 25 लाख से ज़्यादा श्रद्धालु पहुँच चुके थे. पुलिस और प्रशासन ने भी सभी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं.

प्राचीन गंगा मंदिर के पुजारी संतोष कौशिक ने बताया कि इस साल कार्तिक पूर्णिमा का मुख्य स्नान 5 नवंबर को है. दीपांजलि समारोह त्योहार की पूर्व संध्या पर (कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी की शाम) किया जाता है. इसलिए, दीपांजलि समारोह आज शाम होगा. गढ़मुक्तेश्वर मेले के अलावा, श्रद्धालु ब्रजघाट और पुष्पावती पूठ के गंगा घाटों पर भी दीये जलाने जाते हैं. मेला अधिकारी श्रीराम यादव ने बताया कि सोमवार शाम तक ब्रजघाट और खादर मेले में लगभग 25 लाख श्रद्धालु पहुँच चुके थे. श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा और सुविधाओं (Security and features) सहित सभी इंतज़ाम किए गए हैं.
दीये जलाने का कार्यक्रम सूर्यास्त के समय होता है.
प्राचीन गंगा मंदिर के पुजारी संतोष कौशिक ने स्पष्ट किया कि कार्तिक पूर्णिमा का मुख्य स्नान इस साल 5 नवंबर को होगा. यह स्नान गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाने का प्रमुख अवसर है, जो भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. दीपांजलि समारोह त्योहार की पूर्व संध्या पर आयोजित होता है, यानी कार्तिक शुक्ल पक्ष (Kartik Shukla Paksha) की चतुर्दशी की शाम को. इस समारोह में लोग घाटों पर दीये जलाते हैं, जो अंधकार को दूर करने और प्रकाश का प्रतीक दर्शाता है.
इसलिए, यह समारोह आज शाम को ही संपन्न होगा. गढ़मुक्तेश्वर मेले के अलावा, श्रद्धालु ब्रजघाट और पुष्पावती पूठ के गंगा घाटों पर भी पहुंचते हैं, जहां वे दीये प्रज्वलित करते हैं. ये घाट गंगा के तट पर स्थित हैं, और यहां स्नान करने से पापों का नाश होता है, जैसा कि पुरानी मान्यताओं में वर्णित है.
मेला अधिकारी श्रीराम यादव ने बताया कि सोमवार शाम तक ब्रजघाट और खादर मेले में करीब 25 लाख श्रद्धालु आ चुके थे. यह संख्या दर्शाती है कि कैसे यह पर्व लाखों लोगों को एकत्रित करता है. उन्होंने यह भी कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा (Safety of devotees) के लिए पुलिस बल तैनात है, और सुविधाओं जैसे चिकित्सा सहायता, पानी की आपूर्ति तथा परिवहन व्यवस्था के सभी इंतजाम पूरे हो चुके हैं. इससे भक्त निश्चिंत होकर पूजा-अर्चना कर सकें.
ब्रज घाट पर भी भीड़ जुटेगी.
श्रद्धालु लगातार पहुंच रहे हैं. हर तरफ भक्ति का माहौल है. गंगा के घाटों पर “हर हर गंगा” के नारे गूंज रहे हैं. ये जयकारे सुबह से शाम तक जारी रहते हैं. लोग गंगा में डुबकी लगा रहे हैं. यह स्नान पापों से मुक्ति (Freedom from sins) दिलाता है. मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा का दिन विशेष फलदायी होता है. श्रद्धालु भजन गा रहे हैं.
राम भजन और गंगा स्तुति के स्वर हवा में तैर रहे हैं. यह दृश्य देखने लायक है. कार्तिक पूर्णिमा हिंदू कैलेंडर का महत्वपूर्ण त्योहार है. इस दिन चंद्रमा पूर्ण होता है. गंगा स्नान की परंपरा पुरानी है. लाखों लोग हर साल इकट्ठा होते हैं. प्रशासन ने मुख्य स्नान के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं. साफ पानी की व्यवस्था है. चिकित्सा टीम (medical team) तैयार है. सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात है. हाईवे पर ट्रैफिक जाम न हो, इसके लिए विशेष कदम उठाए गए हैं. डायवर्टर लगाए हैं. साइन बोर्ड चिपकाए हैं. यातायात सुगम रहे, यही प्रयास है.



