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ICC Women’s ODI World Cup 2025: क्रिकेट के मैदान से सीधे दिल तक, हरमनप्रीत ने टैटू से बयाँ किया इंतजार का दर्द…

ICC Women’s ODI World Cup 2025: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रविवार को इतिहास रच दिया. टीम ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर पहली बार खिताब अपने नाम किया. यह जीत न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक भावनात्मक पल बन गई. 52 वर्षों के लंबे इंतज़ार के बाद भारतीय महिला टीम ने विश्व कप ट्रॉफी उठाई और देश का नाम गर्व से ऊंचा कर दिया.

ICC Women’s ODI World Cup 2025
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कप्तान हरमनप्रीत कौर ने अपनी शानदार कप्तानी से टीम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. उन्होंने पूरी टीम को एकजुट रखा और मैदान पर अपने आत्मविश्वास से सभी को प्रेरित किया. उनकी लीडरशिप में भारतीय महिला टीम ने वो कर दिखाया, जिसका सपना करोड़ों भारतीयों ने वर्षों से देखा था.


कप्तान हरमनप्रीत कौर की भावनात्मक अभिव्यक्ति

विश्व कप जीतने के बाद हरमनप्रीत कौर ने अपनी भावनाओं को शब्दों में बयां किया. उन्होंने कहा कि यह पल उनके जीवन के सबसे खास पलों में से एक है. बचपन से उनका सपना था कि वह भारत को महिला विश्व कप जिताएं और आखिरकार वह सपना साकार हो गया. उन्होंने कहा,
“मेरे लिए यह बहुत भावुक कर देने वाला पल है. जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था, तब से यही सोचती थी कि एक दिन विश्व कप जीतना है. आज वह सपना सच हो गया.

हरमनप्रीत ने आगे बताया कि यह जीत किसी जादू से कम नहीं लगती. टीम के हर खिलाड़ी ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और पूरे टूर्नामेंट में लगातार बेहतर प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि भगवान ने उनकी हर दुआ सुनी और इस जीत ने उनके करियर को नई पहचान दी है.


ICC Women’s ODI World Cup जीतने की खुशी में बनवाया खास टैटू

विश्व कप जीत की खुशी में हरमनप्रीत कौर ने अपनी बांह पर एक खास टैटू बनवाया है. इस टैटू में ट्रॉफी का डिजाइन है और उसके साथ “52” लिखा गया है, जो 52 साल के लंबे इंतजार का प्रतीक है. इसके साथ ही 2025 का साल भी लिखा गया है — यानी वह साल जब भारत ने पहली बार ICC Women’s ODI World Cup जीता.

हरमनप्रीत ने इस तस्वीर को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर करते हुए लिखा,
“हमेशा के लिए मेरी त्वचा और दिल में बस गए हो. पहले दिन से तुम्हारा इंतजार कर रही थी और अब मैं हर सुबह तुम्हें देखूंगी और तुम्हारी आभारी रहूंगी.

यह टैटू न केवल उनकी जीत का प्रतीक है, बल्कि उनके समर्पण, मेहनत और दृढ़ विश्वास की पहचान भी है.


टीम के सामूहिक प्रदर्शन की सराहना

इस ऐतिहासिक जीत में केवल हरमनप्रीत ही नहीं, बल्कि पूरी टीम का योगदान रहा. बल्लेबाजों ने जहां शानदार पारियां खेलीं, वहीं गेंदबाजों ने भी महत्वपूर्ण मौकों पर विकेट लेकर टीम की जीत सुनिश्चित की. फील्डिंग के दौरान खिलाड़ियों की ऊर्जा और जोश देखने लायक था.

टीम के कोच और सपोर्ट स्टाफ ने भी खिलाड़ियों को मानसिक रूप से मजबूत बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई. उनकी रणनीति और तैयारी ने भारत को फाइनल तक पहुंचाने में बड़ी मदद की.


बीसीसीआई का सम्मान और देशभर में जश्न

बीसीसीआई ने हरमनप्रीत और उनकी टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह जीत भारतीय क्रिकेट के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखी जाएगी. पूरे देश में इस जीत का जश्न मनाया जा रहा है. मुंबई, दिल्ली, चंडीगढ़ और कई अन्य शहरों में लोगों ने रातभर आतिशबाज़ी कर टीम की सफलता का स्वागत किया.

हरमनप्रीत और उनकी टीम ने साबित कर दिया कि अगर जुनून, मेहनत और आत्मविश्वास हो, तो कोई भी सपना असंभव नहीं.


कप्तान की भावनाएं और देश का गर्व

हरमनप्रीत ने अपने एक इंटरव्यू में कहा कि “हम तीन-चार घंटे ही सो पाए, लेकिन फिर भी बहुत फ्रेश महसूस कर रहे हैं. जब आप चैंपियन बनते हैं, तो नींद नहीं, केवल संतोष महसूस होता है.

उन्होंने आगे कहा, “ऊपर वाले का शुक्र है कि जिस चीज का सपना इतने वर्षों से देख रही थी, वह आज पूरा हो गया.

यह जीत भारतीय महिला क्रिकेट के लिए नया अध्याय खोलती है. अब भारतीय टीम न केवल एशिया बल्कि पूरी दुनिया में एक मजबूत दावेदार बन चुकी है.

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