स्वास्थ्य

Treating cancer with bacteria: असंभव हुआ संभव! कैंसर की जड़ पर हमला करेंगे ‘टारगेटेड’ बैक्टीरिया, जानिए कैसे बदलेगा इलाज…

Treating cancer with bacteria: कैंसर जैसी पुरानी बीमारी से स्नातक के लिए वैज्ञानिक वैज्ञानिक नई राह तलाश रहे हैं. पुरानी कहावत है कि लोहे को काटा जाता है, और इसी सिद्धांत पर आधारित एक रोचक सिद्धांत का उपयोग किया जाता है. वॉक्सो ने पाया है कि कुछ विशेष प्रकार के बैचलर कैंसर कोशिकाएं उन पर हमला कर सकती हैं, जिससे शरीर की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला हो सकता है. यह विधि न केवल पारंपरिक उपचारों की कमियों को दूर करती है बल्कि भविष्य में वैयक्तिकृत चिकित्सा का हिस्सा बन सकती है. स्क्रीनशॉट को आनुवंशिक रूप से संशोधित करके उन्हें औषधि वाले वाहक के रूप में उपयोग किया जा रहा है, जो ट्यूमर के इनसाइड डोर अपना काम करता है.

Treating cancer with bacteria
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क्षमता की क्षमता पर शोध

जोसेफिन रीस्ट और सुजैन वुड्स जैसे साउथ ऑस्ट्रेलियन हेल्थ एंड मेडिकल इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों ने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्होंने जीवित दवाओं को नई श्रेणी में रखा है, जो कैंसर के खिलाफ एक प्रभावी हथियार साबित हो सकते हैं. उनके अनुसार, अभी और गहन अध्ययन की जरूरत है, लेकिन जल्द ही ऐसे प्रोग्रामेबल बैक्टीरिया (bacteria) विकसित हो सकते हैं जो शरीर में पाए जाने वाले खतरनाक ट्यूमर को खुद ही पहचान लें. ये ऑक्सीजन-वंचित वातावरण में स्थित हैं, जो ट्यूमर के अंदर की स्थिति से मेल खाते हैं. इससे वे स्वस्थ ऊतकों को केवल प्रभावित विचारधारा पर फोकस करते हैं.

ट्यूमर की माइक्रोस्कोप और निर्माता का समाधान

कैंसर के कई ट्यूमर इतने मजबूत होते हैं कि इलाज उन तक पहुंच ही नहीं पाता. ये ट्यूमर प्रतिरक्षा प्रतिरोध विकसित कर लेते हैं, जिससे कीमोथेरेपी या विकिरण का प्रभाव कम हो जाता है. साथ ही, दवा प्रतिरोध के खिलाफ दवाएं लें, जो इलाज को कारगर बनाती है. लेकिन बैक्टीरियल थेरेपी इन बैक्टीरिया (bacteria) को पार कर सकती है. विशेष रूप से माइकोबैक्टीरियम बोविस जैसे कैलकुलेटर प्रतिरक्षा सक्रियण करते हैं, जिससे शरीर की रक्षा प्रणाली मजबूत होती है. ये रिकॉर्डर ट्यूमर के सूक्ष्म वातावरण को बदल देते हैं, जिससे अन्य उपचार अधिक प्रभावशाली हो जाते हैं.

बाज़ार पर फोकस क्यों?

दावा किया जाता है कि कुछ चॉकलेट में अद्भुत गुण होते हैं. वे आंतरिक अंगों और ऊतकों में मौजूद ट्यूमर का पता लगा सकते हैं और उनके अंदर ही गुणा हो जाते हैं. ठोस कैंसर ट्यूमर के लिए आदर्श आवास प्रदान किए जाते हैं, जहां नेक्रोटिक कोशिकाओं से पोषण मिलता है और कम ऑक्सीजन स्तर में भी वे जीवित रह पाते हैं. ट्यूमर के अंदर प्रतिरक्षा दमन होने से मरीज को कोई खतरा नहीं होता. यह एक नेचरफिनिटी क्रिएटर का लक्ष्यित डिलीवरी सिस्टम है, जो पारंपरिक औषधियों से बेहतर काम करता है. इसके दुष्प्रभाव भी कम होते हैं, क्योंकि दवा सीधे ट्यूमर तक पहुंचती है.

बायोटेक से स्नातक की उपाधि

आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी के माध्यम से बैक्टीरिया को हैक किया जा रहा है. क्लिनिकल ट्रायल में इन्हें इम्यूनोथेरेपी या कीमोथेरेपी के साथ जोड़ा जा रहा है. cancer के टीकों में भी डॉक्टर की भूमिका बढ़ रही है. ये ट्यूमर एंटीजन की पहचान करते हैं, जिससे प्रतिरक्षा कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं. डीएनए के हानिकारक जीन से हानिकारक जीन डाले जाते हैं, जो कैंसर रोधी एजेंट पैदा करते हैं. इससे ट्यूमर के आंतरिक भाग पर हमला होता है, जबकि बाहर से प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया सक्रिय होती है. कुछ इलेक्ट्रॉनिक सेल्फ-डिस्ट्रक्ट मैकेनिज्म के साथ डिजाइन किए गए हैं, जो ड्रग रिलीज करने के बाद खुद ही खत्म हो जाते हैं. अन्य साइटोकिन-उत्पादक कोशिकाएं अधिक होती हैं, जो सूजन को बढ़ाती हैं.

भविष्य की कहानियाँ

इस तकनीक से कैंसर के इलाज में क्रांति आ सकती है. वैज्ञानिक दवाओं से भरे वाहकों को बदल रहे हैं, जो सटीक लक्ष्यीकरण सुनिश्चित करते हैं. इससे प्रतिरोधी कैंसर जैसे अग्नाशय या मस्तिष्क ट्यूमर (brain tumors) का भी प्रभावी इलाज संभव है. हालाँकि, बैक्टीरियल विषाक्तता या अनियंत्रित वृद्धि जैसी सुरक्षा चिंताओं पर ध्यान देना आवश्यक है. विनियामक अनुमोदन के लिए और परीक्षण चल रहे हैं, लेकिन प्रारंभिक परिणाम आशाजनक हैं. वैक्सीन आधारित थेरेपी संयोजन उपचार का हिस्सा बन सकता है, जहां सर्जरी, विकिरण और जीवाणु हस्तक्षेप साथ काम करते हैं. इससे जीवित रहने की दर बढ़ सकती है और रोगियों के जीवन की गुणवत्ता बेहतर हो सकती है.

बेहोश और आगे का रास्ता

हर नई तकनीक की तरह, बैक्टीरियल cancer के इलाज में भी बाधाएं हैं. वैक्सीन को मानव शरीर में सुरक्षित रखना, प्रतिरक्षा अस्वीकृति से बचाव और खुराक नियंत्रण करना महत्वपूर्ण है. वैज्ञानिक CRISPR जैसे टूल्स से बैचलर को रिफाइन कर रहे हैं. आने वाले वर्षों में, वैयक्तिकृत जीवाणु उपभेद विकसित हो सकते हैं, जो रोगी-विशिष्ट ट्यूमर को लक्षित कर सकते हैं. यह बहुविषयक दृष्टिकोण चिकित्सा, जीव विज्ञान और इंजीनियरिंग को शामिल करता है. यदि सफल हुआ, तो यह किफायती और सुलभ उपचार प्रदान किया जा सकता है, विशेष रूप से विकासशील देशों में जहां उन्नत उपचार उपलब्ध हैं.

इस तरह, कैंसर का मुकाबला cancer से लड़ने वाली एक अभिनव रणनीति है जो पारंपरिक किसानों की भीड़ को तोड़ रही है. निरंतर शोध से उम्मीद है कि जल्द ही यह मुख्यधारा की चिकित्सा का हिस्सा बन जाएगी.

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