Uttarakhand Weather: उत्तराखंड की सर्दी ने दिखाई ताकत, इन इलाकों में जारी हुआ अलर्ट
Uttarakhand Weather: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में ठंड बढ़ेगी. मैदानी इलाकों में कोहरे से ठंड बढ़ेगी. देहरादून, उत्तरकाशी, चमोली, टिहरी, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में हल्की बारिश होने की संभावना है, जबकि ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की उम्मीद है.

देहरादून समेत पूरे राज्य में मौसम सूखा बना हुआ है. तापमान सामान्य से ज़्यादा है, जिस वजह से दिन में गर्मी और सुबह-शाम ठंड रहती है. दिन और रात के तापमान में अंतर के कारण सुबह और शाम (morning and evening) को ठंड रहती है, जबकि दिन में गर्मी रहती है.
तापमान में बढ़ोतरी से बुजुर्गों और बच्चों को परेशानी हो रही है. स्वस्थ लोगों के साथ-साथ बच्चों को भी ठंड और गर्मी के कारण बुखार, खांसी और जुकाम हो रहा है. बुजुर्गों को भी सुबह और शाम की ठंड से परेशानी हो रही है. सोमवार को देहरादून में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम (Celsius and Min) तापमान 16 डिग्री सेल्सियस था. आज अधिकतम तापमान 29.0 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 16.0 डिग्री सेल्सियस रहने की उम्मीद है.
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, आज से Uttarakhand के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश और बर्फबारी की उम्मीद है. पहाड़ी इलाकों में 4,000 मीटर से ऊपर के इलाकों में बर्फबारी हो सकती है. बारिश और बर्फबारी के कारण सुबह और शाम के समय पहाड़ी जिलों में ठंड बढ़ सकती है. पहाड़ी इलाकों में गरज और बिजली चमकने (lightning) की भी उम्मीद है.
मौसम विभाग ने Uttarakhand, चमोली, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जैसे पहाड़ी जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. यह अलर्ट मतलब सावधानी बरतने का संकेत है. इन इलाकों में हल्की बारिश या बर्फबारी हो सकती है. इससे सड़कें फिसलन भरी हो सकती हैं. लोग घर से निकलते वक्त सतर्क रहें. Alert के बाद 6 से 8 नवंबर तक उत्तराखंड के हर कोने में मौसम शुष्क बना रहेगा. बारिश या बर्फ का कोई नामोनिशान नहीं होगा.
फिर भी मैदानी क्षेत्रों जैसे देहरादून या हरिद्वार में कोहरा छा सकता है. कोहरे से तापमान सामान्य से कुछ डिग्री नीचे गिर सकता है. इससे ठंड बढ़ेगी. लोग गर्म कपड़े पहनें. 5 नवंबर को भी पहाड़ी इलाकों में हल्की फुहारें या बर्फ के हल्के छींटे पड़ सकते हैं. यह मौसम बदलाव यात्रियों के लिए चुनौती पैदा कर सकता है. विभाग ने लोगों से सलाह दी है कि वे अपडेट (Update) चेक करते रहें.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक संदेश में लिखा. उन्होंने आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पंजाब और पुडुचेरी के निवासियों को उनके राज्य स्थापना दिवस पर बधाई दी. यह दिवस इन राज्यों के गठन की याद दिलाता है. आंध्र प्रदेश 1956 में बना था. छत्तीसगढ़ 2000 में अलग राज्य बना. हरियाणा 1966 में पंजाब से अलग हुआ. कर्नाटक को 1956 में मैसूर के नाम से जाना गया. केरल 1956 में दो हिस्सों से मिलकर बना.
लक्षद्वीप भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश है. यह अरब सागर में बिखरी छोटी-छोटी द्वीपों की श्रृंखला है. यहां की खूबसूरती और समुद्री जीवन देश को पर्यटन का बड़ा केंद्र बनाते हैं. मध्य प्रदेश को 1956 में राज्यों के पुनर्गठन अधिनियम के तहत बनाया गया था. यह भारत का हृदय कहलाता है. यहां के जंगल, नदियां और खनिज संसाधन अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हैं. पंजाब का इतिहास बहुत पुराना है.
सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर सिख गुरुओं की परंपराओं तक, यह क्षेत्र हमेशा समृद्ध संस्कृति का प्रतीक रहा. यहां की हरियाली खेती और साहसिक किसान भारत को अन्न भंडार देते हैं. पुडुचेरी की शुरुआत फ्रेंच उपनिवेशों से हुई. 1954 में स्वतंत्र भारत में शामिल होने के बाद यह केंद्र शासित प्रदेश बना. यहां की यूरोपीय शैली वाली इमारतें और शांत समुद्र तट आज भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं.
राष्ट्रपति ने इन सभी क्षेत्रों की सराहना की. उन्होंने कहा कि लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पंजाब और पुडुचेरी भारत की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. ये जगहें Uttarakhand की अर्थव्यवस्था, संस्कृति और पर्यावरण में बड़ा योगदान देती हैं. राष्ट्रपति ने सभी को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कामना की कि ये राज्य विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ें. यहां के लोग धनवान बनें. उनका कल्याण सुनिश्चित हो. यह संदेश लोगों के दिल में जोश भर देता है. हर नागरिक अब और मेहनत करने को तैयार हो जाता है. विकास की यह दिशा पूरे देश को मजबूत बनाएगी.