Voter Verification: जांच के घेरे में आए 15.77 लाख मतदाता, झांसी में एसआईआर टीम करेगी सटीक पड़ताल
Voter Verification: भारत का चुनाव आयोग मंगलवार को 22 साल में पहली बार वोटर लिस्ट के लिए एक स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान शुरू कर रहा है. इस प्रोसेस में 2025 की वोटर लिस्ट को 2003 की लिस्ट से मिलाया जाएगा. इस प्रोसेस के दौरान 15.77 लाख वोटर्स का वेरिफिकेशन किया जाएगा.

प्रूफ देने के लिए 12 ऑप्शन
2025 के चुनावों से पहले, चुनाव आयोग उन वोटर्स को नोटिस भेजेगा जिन्होंने खुद वोट नहीं दिया. या जिनके माता-पिता 2003 में वोटर लिस्ट में नहीं थे. यह कदम वोटर सूची को साफ करने के लिए उठाया जा रहा है. आयोग का मकसद नकली वोटरों को हटाना है. ताकि चुनाव निष्पक्ष हों.
इन वोटर्स को अपनी पहचान साबित करनी होगी. वे दस्तावेज जमा करेंगे जो उनकी उम्र और निवास सिद्ध करें. कमीशन ने 12 तरह के वैध विकल्प दिए हैं. जैसे आधार कार्ड, पासपोर्ट या जन्म प्रमाण पत्र. कोई भी व्यक्ति इनमें से कोई एक चुन सकता है. यह प्रक्रिया सरल रखी गई है. ताकि आम लोग आसानी से पालन कर सकें.
अगर Voter Verification में कोई वोटर इनमें से कोई प्रमाण नहीं दे पाया. तो आयोग उसे वोटर लिस्ट से नाम काट देगा. यह फैसला कठोर लग सकता है. लेकिन जरूरी है. क्योंकि पुरानी सूचियों में गलतियां भरी पड़ी हैं. उदाहरण के लिए, एक युवा मतदाता जो 2003 के बाद पैदा हुआ. उसके माता-पिता शहर बदले तो पुराना रिकॉर्ड गायब हो सकता है. ऐसे मामलों में प्रमाण देना महत्वपूर्ण हो जाता है.
वोटर्स को नोटिस मिलने पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए. देरी से नाम कट सकता है. आयोग ने समय सीमा तय की है. अंतिम वोटर लिस्ट 7 फरवरी 2025 को जारी होगी. यह सूची सभी जिलों में उपलब्ध होगी. लोग इसे ऑनलाइन या स्थानीय कार्यालयों से चेक कर सकेंगे. इस बदलाव से लाखों वोटर्स प्रभावित हो सकते हैं. विशेषज्ञ कहते हैं कि इससे चुनाव प्रक्रिया मजबूत बनेगी. सही वोटर ही वोट डाल सकेंगे.
डुप्लीकेट नामों और मरे हुए वोटर्स को हटाने के लिए पूरे राज्य में यह अभियान शुरू किया गया है. झांसी की सभी चार असेंबली सीटों के लिए वोटर लिस्ट को रिवाइज किया जाएगा. जिला चुनाव अधिकारियों ने बताया कि आखिरी SIR 2003 में हुआ था. उस समय वोटर लिस्ट में कुल 10,41,034 वोटर थे, जबकि अब यह संख्या बढ़कर 15,77,045 हो गई है. यह संख्या काफी ज़्यादा मानी जा रही है. सोमवार देर रात तक 31,54,090 फॉर्म प्रिंट करने और उन्हें BLOs तक पहुंचाने का काम चल रहा था. चुनाव अधिकारियों के मुताबिक, ये फॉर्म तहसील के ज़रिए BLOs को उपलब्ध कराए जाएंगे.
BLOs इस तरह करेंगे वेरिफिकेशन
BLOs हर वोटर को दो फॉर्म देंगे. फॉर्म में वोटर्स को अपनी जन्मतिथि, आधार नंबर (ऑप्शनल), पिता या गार्जियन का नाम और EPIC नंबर, माता का नाम और EPIC नंबर, और मोबाइल नंबर भरना होगा. वोटर ID वाले वोटर ID पर लिखा EPIC नंबर डाल सकते हैं. हाल ही की पासपोर्ट साइज़ फोटो लगानी होगी.
अगर किसी वोटर का नाम 2003 की वोटर लिस्ट में शामिल है, तो संबंधित जानकारी उसी फॉर्म में भरनी होगी. भरा हुआ फॉर्म भरने के बाद वोटर को उसे BLO को जमा करना होगा. BLO उसे वेरिफाई करेगा और वोटर को साइन की हुई कॉपी देगा. वोटर्स को काउंटिंग फॉर्म भरते समय कोई डॉक्यूमेंट देने की ज़रूरत नहीं है. सिर्फ़ उन्हीं लोगों को पहचान का प्रूफ देना होगा जिनके नाम पर नोटिस जारी किया गया है. 22 साल में 536,011 वोटर्स बढ़े
पिछले 22 सालों में चारों असेंबली सीटों पर वोटर्स की संख्या 536,011 बढ़ गई है. यह संख्या काफी ज़्यादा मानी जा रही है. सबसे ज़्यादा बढ़ोतरी मऊरानीपुर असेंबली सीट पर हुई है, जहां बबीना में 1,21,797, सदर में 1,40,761, मऊरानीपुर में 1,51,049 और गरौठा में 1,22,404 वोटर्स थे.
ADM एडमिनिस्ट्रेशन शिव प्रताप शुक्ला ने बताया कि यह कैंपेन मंगलवार से शुरू होगा. फॉर्म 4 दिसंबर तक जमा किए जाएंगे. लिस्ट 9 दिसंबर को पब्लिश होगी. आपत्तियों की सुनवाई के बाद फाइनल लिस्ट 7 फरवरी को पब्लिश की जाएगी.



