Mahadev App: दुबई से आरोपी के गायब होने पर SC ने की कड़ी टिप्पणी, ED को दिया आखिरी फरमान
Mahadev App: सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) को महादेव सट्टेबाजी एप (Mahadev Betting App) के फरार सह-संस्थापक रवि उप्पल का पता लगाने और उसकी मौजूदगी सुनिश्चित करने का आदेश दिया है. आरोपी पर गंभीर वित्तीय अपराध (Financial Crime) और मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के आरोप हैं. अदालत ने साफ कहा कि न्याय व्यवस्था का मज़ाक उड़ाने या अदालतों को खेल समझने की अनुमति नहीं दी जा सकती. न्यायमूर्ति एम।एम। सुंदरेश और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने इस मामले को अत्यंत गंभीर माना और कहा कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई ज़रूरी है.

आरोपी रवि उप्पल का अज्ञात स्थान पर गायब होना
सूत्रों के अनुसार, भारत में कानून प्रवर्तन एजेंसियों से बचते हुए रवि उप्पल दुबई से किसी अज्ञात स्थान पर भाग गया है. इस घटना के बाद संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के अधिकारियों ने उसके खिलाफ चल रही प्रत्यर्पण प्रक्रिया (Extradition Process) को रोक दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह के अपराधियों के लिए अदालतें या जांच एजेंसियां खिलौना नहीं हैं, और उन्हें कानून के दायरे में लाना आवश्यक है. अदालत ने ईडी को निर्देश दिया कि आरोपी की तत्काल लोकेशन का पता लगाया जाए और उसे हिरासत (Custody) में लिया जाए.
ईडी का दावा – आरोपी दुबई से फरार हुआ
सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस।वी। राजू ने बताया कि उप्पल दुबई से फरार हो गया है. यह वही आरोपी है जिसे वर्ष 2023 में दुबई में हिरासत में लिया गया था. उन्होंने अदालत को बताया कि आरोपी अक्सर उन देशों में शरण लेने की कोशिश करते हैं, जहां भारत की प्रत्यर्पण संधि (Extradition Treaty) मौजूद नहीं है. राजू ने कहा कि संभव है कि उप्पल अब ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह (British Virgin Islands) जैसे देशों में चला गया हो, क्योंकि वहां से प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जटिल और समयसाध्य होती है.
अदालत की सख्ती – भागने से न्याय नहीं बचेगा
सुप्रीम कोर्ट ने उप्पल के वकील को निर्देश दिया कि वह अपने मुवक्किल को भारत लौटने के लिए राज़ी करें. अदालत ने साफ कहा कि आरोपी लगातार भागते नहीं रह सकते, उन्हें न्यायिक प्रक्रिया (Judicial Process) में भाग लेना होगा. अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि जमानत (Bail) के मामलों में न्यायालय उदार रुख अपनाता है, लेकिन फरारी के मामलों में सख्त रवैया अपनाना आवश्यक है. न्यायमूर्ति सुंदरेश ने कहा, “हम इस तरह के मामलों में निष्क्रिय नहीं रह सकते. यदि आरोपी न्याय से भागता रहेगा, तो हमें कड़ा कदम उठाना होगा.”
अगली सुनवाई और संभावित कानूनी कदम
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 नवंबर की तारीख तय की है. अदालत ने ईडी से यह जांचने को कहा है कि क्या हाल ही में आए सर्वोच्च न्यायालय के उस फैसले का उपयोग किया जा सकता है, जिसमें जांच एजेंसियों को असाधारण परिस्थितियों में आरोपियों के वकीलों को बुलाने की अनुमति दी गई थी. यह देखा जाएगा कि क्या इसी प्रावधान के तहत फरार उप्पल के बारे में और जानकारी हासिल की जा सकती है.
दुबई में हिरासत और रिहाई का विवाद
रवि उप्पल को दिसंबर 2023 में इंटरपोल रेड नोटिस (Interpol Red Notice) के आधार पर दुबई में गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद भारत की ईडी ने 2024 में यूएई सरकार को प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा था. हालांकि, वहां की अदालत ने उसे कुछ शर्तों के साथ रिहा कर दिया और निगरानी में रखा था. जांच एजेंसियों का कहना है कि उप्पल ने अपने सहयोगी सौरभ चंद्राकर के साथ मिलकर 2018 में Mahadev Online Book App शुरू किया था, जो कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर अवैध सट्टेबाजी (Illegal Betting) की सुविधा देता था.
6,000 करोड़ रुपये का कथित घोटाला
ईडी और सीबीआई की जांच रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला लगभग 6,000 करोड़ रुपये के अवैध वित्तीय लेनदेन से जुड़ा है. यह नेटवर्क देश के कई राज्यों में फैला हुआ है. उप्पल का सहयोगी सौरभ चंद्राकर अक्टूबर 2024 में दुबई में गिरफ्तार किया गया था, और उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया भी जारी है. वहीं, इस मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम भी सामने आया था, जिसके बाद जांच को सीबीआई को सौंपा गया.
कानून से ऊपर कोई नहीं
यह मामला यह दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक अपराधों (Economic Offences) की रोकथाम के लिए सहयोग और पारदर्शिता कितनी आवश्यक है. सुप्रीम कोर्ट के इस रुख ने साफ कर दिया है कि कोई भी व्यक्ति चाहे कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, कानून से बच नहीं सकता.



