SBI Q2 Result: SBI की कमाई में आई जबरदस्त उछाल, शेयर ने छूए नए शिखर
SBI Q2 Result: देश के सबसे बड़े लेंडर, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) ने जुलाई-सितंबर तिमाही में अपने स्टैंडअलोन प्रॉफिट में 10 परसेंट की बढ़ोतरी दर्ज की है, जो बढ़कर ₹20,160 करोड़ हो गया है. बैंक ने जुलाई-सितंबर 2024 तिमाही में ₹18,331 करोड़ का प्रॉफिट कमाया था. इस तिमाही में लेंडर की कुल इनकम साल-दर-साल बढ़कर ₹134,979 करोड़ हो गई, जो पिछले साल इसी तिमाही में ₹129,141 करोड़ थी. इस दौरान मिला इंटरेस्ट बढ़कर ₹119,654 करोड़ हो गया, जो एक साल पहले इसी तिमाही में ₹113,871 करोड़ था. इस बीच, बैंक का स्टॉक ट्रेडिंग के दौरान थोड़ा बढ़ा और ₹957.50 पर पहुंच गया.

क्या हैं डिटेल्स
बैंक की एसेट क्वालिटी में सुधार हुआ है. 30 सितंबर, 2025 तक ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPAs) कुल एडवांसेज का 1.73 परसेंट रह गया, जो एक साल पहले 2.13 परसेंट था. इसी तरह, नेट NPAs, या बैड लोन भी घटकर एडवांसेज का 0.42 परसेंट रह गया, जो एक साल पहले 0.53 परसेंट था.
SBI ग्रुप का फाइनेंशियल ईयर 2025-26 की दूसरी (जुलाई-सितंबर) तिमाही में कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट सात परसेंट बढ़कर ₹21,137 करोड़ हो गया, जबकि फाइनेंशियल ईयर 2024-25 की जुलाई-सितंबर तिमाही में यह ₹19,743 करोड़ था. इस तिमाही में SBI ग्रुप की कुल इनकम बढ़कर ₹1,75,898 करोड़ हो गई, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह ₹1,63,802 करोड़ थी.
यस बैंक में हिस्सेदारी बेचने से हुआ बड़ा प्रॉफिट
17 सितंबर 2025 को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने यस बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेची. उन्होंने 13.18 प्रतिशत शेयर ₹21.50 प्रति शेयर की दर से बेचे. इस सौदे से बैंक को ₹4,593.22 करोड़ का लाभ मिला. बिक्री के बाद सितंबर 30 तक SBI की हिस्सेदारी 10.78 प्रतिशत रह गई. बैंक ने बताया कि अब यह निवेश सहयोगी श्रेणी में रखा जाएगा.
यह कदम 2020 की याद दिलाता है जब SBI ने यस बैंक की मुश्किलों से उबारने के लिए बड़ा निवेश किया था. तब यस बैंक संकट में फंस गया था. RBI के दबाव में SBI ने 49 प्रतिशत हिस्सा लिया. इससे यस बैंक को नया जीवन मिला. अब पांच साल बाद SBI आंशिक निकास कर रहा है.
हिस्सेदारी बेचना मतलब कुछ शेयर बाजार में बेच देना. प्रति शेयर ₹21.50 की कीमत अच्छी लगी. लाभ इतना बड़ा हुआ क्योंकि खरीद कीमत कम थी. उदाहरण के तौर पर पहले निवेश में औसत कीमत ₹11-12 के आसपास रही. इस अंतर से ही हजारों करोड़ का फायदा.
बैंकिंग नियमों में सहयोगी श्रेणी का मतलब है जब कोई बैंक दूसरे बैंक में 20 प्रतिशत से कम हिस्सा रखता है. इससे वित्तीय रिपोर्ट में अलग तरीके से दिखाया जाता है. SBI के चेयरमैन ने कहा कि यह कदम रणनीतिक है. इससे पूंजी मुक्त हो रही है. अन्य निवेशों में इस्तेमाल होगी.
यह घटना निवेशकों के लिए सकारात्मक है. यस बैंक की स्थिरता बढ़ेगी. SBI का फोकस मुख्य कारोबार पर रहेगा. कुल मिलाकर बाजार में सकारात्मक संकेत.



